Saturday, April 21, 2012

निःषुल्क मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत पर जिला स्तरीय संवाद

CMS, DWH, Azamgarh

महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच के सहयोग से जिला स्तरीय स्वास्थ्य संवाद का आयोजन विभिन्न  जिलो में ७ से १४ अप्रेल के बीच में  किया गया जिसमें महिलाओं ने सरकार द्वारा दी जा रही निःषुल्क मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के माध्यम से एकत्र किये गये आंकडे़ प्रस्तुत किये।

निगरानी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच से जुडी तिथी जी ने बताया कि उनके संगठन ने स्वैच्छिक तौर पर उ0प्र0 के 7 जिलों (आजमगढ, चंदौली, गोरखपुर, मिर्जापुर, बांदा, मुजफ्फरनगर व चित्रकूट) की करीब 250 महिलाओं के द्वाराा सर्वेक्षण किया, जिन्होने पिछले छः माह के दौरान बच्चे को जन्म दिया था।

अध्ययन के चैकाने वाले आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच से जुडी सुनीता जी ने बताया कि अफसोस की बात यह है कि किसी भी महिला को निःषुल्क प्रसव का लाभ नहीं मिला। एक जिला आजमगढ में तो निःषुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं को पाने के लिए 34 महिलाओं को औसतन 1228रू खर्च करना पड़ा। कुल मिलाकर इन महिलाओं को प्रसव के दौरान 41722रू खर्च करने पड़े।

जहाँ सरकार द्वारा निःषुल्क प्रसव सुविधा का आष्वासन दिया गया है वहाँ पर गरीब ग्रामीण व दलित महिलाओं कोे इतना बड़ा खर्च उठाना पड़ रहा है, यह इस बात की सबूत है कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही व पारदर्षिता की कमी है।

सहयोग संस्थान, लखनऊ से प्रवेष वर्मा ने बताया कि सरकार का मानना है कि जननी सुरक्षा योजना के कारण संस्थागत प्रसव बढे़ हैं। संस्थागत प्रसव में आर्थिक बाधाओं कोे दूर करने करने के लिए केन्द्र सरकार ने जून 2011 में जननी षिषु सुरक्षा कार्यक्रम की षुरूआत की जिसमें चार अतिरिक्त निःषुल्क सुविधाओं को जोड़ा गया (निःषुल्क खाना, प्रसव के बाद निःषुल्क गाड़ी की सुविधा, निःषुल्क रेफरल एवं जन्म से 30 दिन के नवजात षिषुओं की निःषुल्क चिकित्सा)।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देष्य से उ0प्र0 सरकार ने इस योजना की निगरानी करने व समय समय पर फीडवैक देने हेतु अन्य संस्थाओं के साथ सहयोग संस्था, लखनऊ को आमन्त्रित किया। सहयोग इस काम को 7 जिलों में अपनी साथी संस्थाओं और महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच की महिलाओं के साथ मिलकर कर रही है।
महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच, उ0 प्र0 में लगभग 11000 ग्रामीण गरीब महिलाओं का संगठन है जो पिछले 6 सालों से समय समय पर विभिन्न अभियानों एवं संवादों के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग करता आ रहा है तथा मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं की गुणवत्ता की निगरानी कर स्थानीय, जिला व राज्य स्तर पर पैरोकारी भी करता है।

7 जिला स्तरीय स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम में जिले के स्वास्थ्य विभाग से मुख्य चिकित्साधिकारी अधिकारी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अपर निदेषक, संयुक्त निदेषक तथा जिला महिला अस्पताल की मुख्य अधीक्षिका उपस्थित रही। सभी ने महिलाओं की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए उस पर कार्यवाही के साथ कुछ समस्याओं के निपटारे हेतु उपरी स्तर पर भी पहुॅचाने की बात की।
रीना नेे बताया कि अभी जो जिले की अस्पतालों से समस्यायें निकल कर आयी है उनको हम लोग 28 मई को राज्य सतर पर भी षेयर करेगे।
जिला स्वास्थ्य संवाद में जिले महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच की महिलाओं के साथ जिले की अन्य संस्थाओं ने प्रतिभाग किया।

महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच उ0प्र0





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