Wednesday, May 30, 2012

‘‘निःषुल्क मातृ स्वास्थ्य सेवाओं’’ की हकीकत - प्रति महिला औसतन 1298रू0 का खर्च



‘‘निःषुल्क मातृ स्वास्थ्य सेवाओं’’ की हकीकत - प्रति महिला औसतन 1298रू0 का खर्च



उ0प्र0 के 10 जिलों के 18 बलाक के 188 राजस्व गाॅव  मे ‘‘महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच’ के महिलाओं के द्वारा ‘‘निःषुल्क मातृ स्वास्थ्य सेवाओं’’ के अनुभव पर ग्राम-स्तरीय सर्वेक्षण 370 महिलाओं  किया गया। इन सर्वेक्षण के आॅकडों की प्रस्तुति दिनाॅक 28 मई 2012 को की गयी, जो कि ‘‘ महिला स्वास्थ्य के लिए अन्र्तराष्ट्रीय कार्य दिवस’’ है ।
अध्ययन के चैकाने वाले आंकड़ों से निकला कि 370 गरीब महिलाओं ने सरकारी अस्पतालों में निःषुल्क मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करने के लिए 4ए88ए701 रु0 अनावष्यक रूप से खर्च करना पड़ा। आंकड़ों से यह भी पता चला कि एक गर्भवती महिला को प्रसव के दौरान जननी सुरक्षा योजना के तहत 1400रु0 मिलते हैं, जिसको पाने के लिए महिला को कम से कम 498रू0 तथा  अधिकतम 2754रू0 और कुल मिलाकर औसतन 1298 रु0 खर्च करने पड़ रहें हैं। परन्तु स्वास्थ्य विभाग के अनुसार समस्त मातृत्व स्वास्थ्य सुविधायें निःषुल्क हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की ओर से उत्तर प्रदेष में 2005-11 के दौरान  लगभग 8657 करोड़ रु0 आवंटित किया गया था।  इसकेे बाद भी अफसोस की बात है कि गरीब जनता को निःषुल्क मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करने के लिए प्रति महिला औसतन 1298 रु0 खर्च करने पड़ रहे है
जमीनी स्तर का महिलाओं का फोरम ‘‘महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच’ 10 जिलों के 11000 गरीब, ग्रामीण व वंचित महिलाओं का एक मंच है जो पिछले 6 सालों से महिला स्वास्थ्य व विभिन्न जुड़े मुददों पर महिलाओं के अधिकारों की निगरानी व उनकी पैरोकारी करती आ रही हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मंे उ0प्र0 राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन, के मिषन डायरेक्टर, श्री मुकेष कुमार मेसराम जी ने कहा कि आप लोगों से जो जानकारी मिली वह काफी चिन्ताजनक है खासकर ग्रामीण महिलाओं की। कहा इस पूरे लाचार व्यवस्थो में सरकारी लोगों की संवेदनषीलता की कमी है व एैसे लोगों के साथ कड़ी कार्यवाही की बात की। इसी के साथ तकनीकि आधारित मेरा स्वास्थ्य मेरी आवाज अभियान की सराहना करते हुए उसकी लिंक ूूूण्उमतंेूंेजीलंउमतपंूं्रण्वतह उ0प्र एन0आर0एच0एम0 की वेवसाईट से लिंक करने करने के साथ प्रदेष के अन्य जिलों में फैलावं की बात की।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रेसीडेन्ट एडि़टर सुश्री सुनीता ऐरन जी कहा कि एक तो महिलाओं को मातृत्व स्वास्थ्य सेवायें मुफ्त मे तों मिलना ही चाहिये व इन सेवाओं की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए।
डी0जी, आषा एवं समुदायिक स्वा0, डा0 हरिओमग दिक्षित जी कहा कि औरतो का सषक्तिकरण होना अनिवार्य है ताकि वह अपने अधिकारों की पैरवी खुद कर सके।
सोसल एक्टविस्ट सुश्री अरूंधति धुरू जी ने कहा कि विकास में महिला के मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं के बारें में राजनीतिक लोंगों के द्वारा कभी  बात नही की जाती है न ही कोई इसको लेकर पाल्टिकल बिल है जिसके बारें में हम लोगों को सोचने की जरूरत है। उन्होने सरकार के द्वारा महिलाओं को मूलभत सुविधाओं को देने में सरकार की महत्वता और स्वास्थ्य विभाग में सामाजिक आडिट और पारदर्षिता की बात की।
मंथन प्रोजेक्ट के ड़ायरेक्टर श्री आमोद कुमार जी कहा कि हमेें मातृत्व स्वास्थ्य की समस्याओं को लेकर मीडिया के साथ साझा करना चाहिए और सरकारी स्वासथ्य व्यवस्था में अच्छे लोगों को भी चिन्हित करना चाहिए। साथ स्थानीय राजनीतिक लोग व विधायकों के साथ पैरोकारी करना चाहिए।
सहयोग लखनऊ से सुश्री जषोधरा जी  ने कहा कि इस समय उ0प्र0 में स्वास्थ्य सुविधाओं को समुदायिक स्तर पर निगरानी करने की जरूरत है।
इसी अवसर पर मातृत्व स्वास्थ्य के केसों को षेयर किया गया व साथ ही इस अवसर पर ‘‘महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच’ की सहजकर्ता मार्गदर्षिका पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम के सह सयोंजक हेल्थवाॅच फोरम उ0प्र0 स्वैच्छिक संगठनों एवं  समाजकर्मियों का मंच है जो प्रजनन स्वास्थ्य व अधिकारों की पैरोकारी व निगरानी करती है। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के गोमती नगर स्थित ‘‘संगीत नाटक एकेडमी’’ में किया गया था।  जिसमें प्रदेष के 10 जिलों से करीब 100 महिलायें व लखनऊ से करीब 10 स्वैच्छिक संगठनों ने भी प्रतिभाग किया।

भवदीय!
  संध्या, तिथि, प्रवेष
(हेल्थवाॅच फोरम उ0प्र0 एवं महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच उ0प्र0 के ओर से)

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