Thursday, September 20, 2012

माॅग पत्र - मिर्जापुर


माॅग पत्र 

उत्तर प्रदेश में 11000 महिलायें महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच की सदस्य हैं जो कि पिछले 6 सालों से प्रदेश में मातृ स्वास्थ्य की बेहतर स्थिति के लिए प्रयासरत हैं। हम उत्तर प्रदेश में मातृ स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारने हेतु सरकार किये गये प्रयासों की सराहना करते हैं और प्रदेश में मातृ मृत्यु की गिर रही दर के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को बधाई देते हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार स्थिति को सुधारने के लिए बहुत सक्रिय है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसी अनियमिततायें हैं जिन्हें दूर करना बहुत आवश्यक है। 

महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच, शिखर प्रशिक्षण संस्थान मिर्जापुर व सहयोग एक साथ मिलकर मेरा स्वास्थ्य मेरी आवाज अभियान को पिछले 9 महीने से गति दे रहे है। मेरा स्वास्थ्य मेरी आवाज अभियान सरकारी अस्पतालों में अनौपचारिक फीस को रोकने के लिये एक प्रयास है। जनवरी 2012 के बाद से अभी तक अनौपचारिक फीस मागे जाने की 350 से अधिक शिकायतें अभियान की वेबसाईट पर दर्ज हो चुकी है।

उत्तर प्र्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सभी मातृत्व स्वास्थ्य सेवायें निःशुल्क हैं लेकिन पिछले दिनों महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच की महिलाओं के साथ हुई कार्यशाला व अभियान की वेबसाइट http://meraswasthyameriaawaz.org  के मानचित्र पर दर्ज शिकायतों को देखने से ज्ञात होता है कि गर्भवती महिलायें जब सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए जाती है जब उनसे अनौपचारिक रूप से फीस ली जाती है और साथ ही सरकारी सुविधाओं का लाभ भी उन्हें नही मिल पाता है।

कार्यशाला के उपरान्त महिलाओं की ओर से जो माॅगे निकलकर आयी है वह आप सब स्वास्थ्य अधिकारियों के समक्ष रखी जा रही है-
माॅगे इस प्रकार से है-
समस्त मातृत्व स्वास्थ्य सेवायें (दवा, जाॅच खून दस्ताने व साबुन ) निःशुल्क उपलब्ध करायी जायें 
इन सेवाओं को देने के लिए यदि कोई व्यक्ति अनौपचारिेक फीस की माॅग करता है तो आरोपित व्यक्ति पर सख्त कार्यवाही की जाये एवं महिला से ली गयी धनराशि वापस की जाये।
गर्भवर्ती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल पहुॅचाने के लिए 108 ममता वाहन आदि की तरह निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की जायें।
जरूरत पडने पर महिलाओं को रेफरल की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जायें।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्तर पर सिजेरियन आपरेशन की सुविधा निःशुल्क उप्लब्ध करायी जाये।
भर्ती के समय पर्ची व रेफरल के समय रेफरल पर्ची देना अनिवार्य किया जाये।
प्रसव के दौरान महिला से अस्पताल के कर्मचारियों के द्वारा अभद्रतापूर्ण व्यवहार न किया जाये।
मुख्य चिकित्साधिकारी को नियमित रूप से सामुदायिक स्वा0 केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर निगरानी करनी चाहिए।
एस0बी0ए0 के द्वारा ए0एनएम0 की क्षमतावृद्वि की जाये।
प््रासव पश्चात जच्चा बच्चा की जाॅच हेतु ए0एन0एम0 व आशा की ग्रह भ्रमण सुनिश्चत करें।
गाॅव की महिलाओं को ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता समिति का सदस्य बनाया जाये।
समस्त निःशुल्क मात्रत्व स्वास्थ्य सेवाओं के बारें में सार्वजनिक स्थानों पर दीवार लेखन व प्रचार प्रसार किया जायें।

हम सब महिलाओं को आप से आशा व विस्वास है कि हमारी उपरोक्त माॅगों को दिलाने हेतु प्रयास करेंगे!!!



महिला स्वास्थ्य अधिकार मंच उत्तर प्रदेश की ओर से 














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